माँ,फिर एक बार गोदी ले लो ना माँ

माँ फिर एक बार गोदी ले लो ना माँ,
हार गयी हु आज खुद से,
फिर एक बार दिलासा दिला दो ना माँ,
मुझे लगा था ससुराल को भी अपना बनालू,
सांस को मा और ससुरजी को पापा कह लू,
पर जो सोच था वह  हुआ ही नही,
न तो मेरा मायका रहा न ससुराल भी अपना है ही नही,
में आज हार गयी हू,
एक बार सर से हाथ घूमा दो ना माँ,
दिन रात सबका देखती हु,
खुद की इच्छाए मार चुकी हु,
रात रात भर नींद नही आती,
फिर एक बार लोरी सुना दो ना माँ ।।

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