**ज़िंदगी की राहें**
चलती हैं चुपचाप सड़कों सी,
कभी धूप तो कभी छाँव सी।
हर मोड़ पे इक नया सवाल,
हर सांस में छुपा कमाल।
कभी हँसी तो कभी आँसू,
कभी बहारें, कभी बस सूखा रूख़।
फिर भी चलना है, रुकना नहीं,
जीवन है यात्रा — थमना नहीं।
बूँद-बूँद से सागर बने,
हर अनुभव से रूप नये।
संघर्षों में भी मुस्कान रख,
जी ले ज़िंदगी, पहचान रख।
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